Putin Shadow War: रूस का पश्चिमी देशों पर हमला और यूक्रेन संकट का बढ़ना
पिछले हफ्ते, यूक्रेनी सैनिकों ने ब्रिटेन में बने स्टॉर्म शैडो मिसाइलों का इस्तेमाल करके रूस में कुछ सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस अब “लंबी दूरी के हथियारों” की सप्लाई करने वाले देशों, खासकर ब्रिटेन और अमेरिका, को निशाना बना सकता है। उनका कहना था कि ये देश अब रूस के लिए एक वैध लक्ष्य बन गए हैं।
लेकिन इस युद्ध के साथ-साथ एक और बड़ा खतरा सामने आ रहा है—वह है Russia का पश्चिमी देशों के खिलाफ “हाइब्रिड युद्ध”। यह एक ऐसी लड़ाई है, जिसमें रूस सीधा सैन्य हमला नहीं कर रहा, बल्कि साइबर हमले, साजिशों, झूठी जानकारी फैलाने और हिंसा के जरिए पश्चिमी देशों को अस्थिर कर रहा है। रूस का यह छिपा हुआ हमला यूक्रेन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यूरोप और America में भी फैल चुका है।
Putin Shadow War: छिपी हुई लड़ाई
रूस ने जो Hybrid War की रणनीति अपनाई है, उसमें सीधे सैन्य संघर्ष के बजाय Cyber Attack, साजिशें और दूसरे तरीके से देशों की स्थिरता को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हाल ही में, रूस ने बाल्टिक सागर में फिनलैंड और जर्मनी के बीच फाइबर-ऑप्टिक केबल्स काट दीं। इस हमले का शक रूस पर था क्योंकि रूस पहले भी इस तरह के हमलों में शामिल रहा है। यह दिखाता है कि रूस पश्चिमी देशों की महत्वपूर्ण तकनीकी और संचार सेवाओं को निशाना बना रहा है।
इसके अलावा, रूस के समुद्री जहाजों का यूरोप में संदिग्ध गतिविधियों के लिए देखे जाना, जैसे “यंतर” नाम का एक जहाज, यह भी एक संकेत है कि रूस यूरोपीय देशों के इंटरनेट और संचार नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
पश्चिमी देशों के लिए खतरा
रूस के इन Hybrid War का सीधा असर पश्चिमी देशों की सुरक्षा पर हो रहा है। साइबर हमलों, हिंसा और साजिशों से लेकर, रूस ने यूरोप और अमेरिका के अहम संस्थानों और इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है। 2007 में एस्टोनिया पर हुआ Cyber Attack इसका एक बड़ा उदाहरण है, जब रूस ने पूरे देश के सरकारी और निजी सेवाओं को ठप कर दिया था। अब रूस के Cyber Attack और बढ़ गए हैं, जैसे अमेरिका और यूरोप में पानी और बिजली की आपूर्ति को निशाना बनाना।
इस साल जनवरी में, एक रूसी हैकर समूह ने टेक्सास में पानी की आपूर्ति व्यवस्था को हैक कर दिया। यह दिखाता है कि रूस अब ऐसी महत्वपूर्ण सेवाओं को भी अपनी जंग का हिस्सा बना रहा है, जिससे आम लोगों की ज़िंदगी को खतरा हो।
Putin Shadow War: प्रतिशोध और परमाणु खतरा
ब्रिटेन ने जब Ukraine को स्टॉर्म शैडो मिसाइलें दीं, तो पुतिन ने कड़ा जवाब दिया और कहा कि रूस अब इन देशों को निशाना बना सकता है। पुतिन ने यह भी धमकी दी कि रूस Nuclear Weapon का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन यह ज़्यादा डराने-धमकाने के लिए था। रूस का यह कदम पश्चिमी देशों को डराने के लिए था, क्योंकि परमाणु युद्ध से पूरी दुनिया में तबाही हो सकती है।
Russia ने यूक्रेन की बिजली आपूर्ति को भी निशाना बनाना शुरू किया है, जिससे Ukraine के परमाणु संयंत्रों पर खतरा बढ़ सकता है। अगर इन संयंत्रों को बिजली नहीं मिलती, तो बड़ा हादसा हो सकता है।
पश्चिमी देशों का जवाब
Russia की Hybrid War रणनीति को समझने के बाद भी, पश्चिमी देशों के बीच इस पर एकजुट प्रतिक्रिया नहीं दिखाई देती। America, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने यूक्रेन को मदद दी है, लेकिन NATO देशों के बीच रूस के खिलाफ एक ठोस नीति बनाने में मुश्किलें आ रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता भी पुतिन से बातचीत करने की बात करते हैं और यूक्रेन के समर्थन को लेकर सवाल उठाते हैं, जिससे NATO की स्थिति और जटिल हो जाती है।