Kash Patel: Trump ने FBI Director के लिए कश पटेल का नाम किया, अमेरिकी कानून व्यवस्था में बदलाव का वादा
Kash Patel: अमेरिका के राष्ट्रपति-चुनावित Donald Trump ने कश्यप “कश” पटेल को अगले FBI Director के रूप में नामित किया है। पटेल, जो ट्रंप के मजबूत समर्थक और FBI के आलोचक रहे हैं, उनकी यह नियुक्ति अमेरिकी कानून व्यवस्था को फिर से रूपांतरित करने के ट्रंप के एजेंडे का हिस्सा मानी जा रही है। ट्रंप ने खुद यह घोषणा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर की, जिसमें उन्होंने पटेल को “बुद्धिमान वकील, जांचकर्ता और ‘अमेरिका फर्स्ट’ सेनानी” बताया।
ट्रंप ने लिखा, “कश पटेल FBI की असलियत को फिर से स्थापित करेंगे और एजेंसी को भ्रष्टाचार से बचाएंगे। वह FBI के मूल सिद्धांतों को वापस लाएंगे: वफादारी, साहस और ईमानदारी।”
Kash Patel: Trump के करीबी और FBI के आलोचक
Kash Patel Age 44 साल है, एक अनुभवी वकील और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ हैं। वह ट्रंप प्रशासन के दौरान रक्षा विभाग में मुख्य कर्मचारी, राष्ट्रीय खुफिया विभाग के उप निदेशक और आतंकवाद के खिलाफ रणनीति में वरिष्ठ निदेशक रहे हैं। पटेल ने विशेष रूप से रूस के साथ ट्रंप के कथित गठजोड़ की जांच को लेकर FBI पर हमला किया था। उन्हें FBI की जांच को “रूस, रूस, रूस धोखाधड़ी” कहकर नकारात्मक रूप से प्रचारित किया और FBI के शीर्ष अधिकारियों को हटाने की वकालत की।
पटेल का नाम FBI डायरेक्टर के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप पहले ही क्रिस्टोफर रे को 2017 में FBI डायरेक्टर नियुक्त कर चुके थे, लेकिन उनके साथ मतभेद होने के कारण ट्रंप ने उन्हें नापसंद किया। अब, अगर पटेल को इस पद पर नियुक्त किया जाता है, तो यह वाशिंगटन की स्थापित राजनीति के खिलाफ एक बड़ा कदम होगा।
FBI में बदलाव की उम्मीदें
Kash Patel की नियुक्ति से ट्रंप का स्पष्ट संदेश है कि वह FBI जैसे संघीय एजेंसियों को फिर से सही दिशा में लाना चाहते हैं। ट्रंप और पटेल दोनों का मानना है कि FBI और अन्य सुरक्षा एजेंसियों में भ्रष्टाचार और राजनीतिक खेल चल रहे हैं, जो उनके प्रशासन की नीतियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ट्रंप ने कहा, “कश पटेल जैसे लोगों को FBI की जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि हम इस एजेंसी को उसकी असली भूमिका में वापस ला सकें।”
Kash Patel’s Book गवर्नमेंट गैंगस्टर्स में यह भी लिखा है कि उन्हें लगता है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी जो राष्ट्रपति के एजेंडे को बाधित करते हैं, उन्हें हटा देना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने FBI मुख्यालय को वाशिंगटन से बाहर स्थानांतरित करने का सुझाव भी दिया था, ताकि यहां की राजनीति का प्रभाव एजेंसी पर न पड़े।
क्या पटेल का नामांकन सफल होगा?
अगर पटेल का नामांकन सीनट द्वारा मंजूर होता है, तो यह एक विवादास्पद मामला हो सकता है। डेमोक्रेट्स और कुछ रिपब्लिकन भी इस नामांकन का विरोध कर सकते हैं, खासकर क्योंकि पटेल ने ट्रंप के एजेंडे को बढ़ावा दिया है और FBI को लेकर उनकी आलोचनाएं बहुत तेज रही हैं।
इस बीच, ट्रंप ने और भी कई अहम नामों का ऐलान किया है, जैसे कि फ्लोरिडा के शेरिफ चाड क्रोनिस्टर को ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (DEA) का प्रमुख बनाने का प्रस्ताव है। यह नामांकन ट्रंप के उस प्रयास को और भी स्पष्ट करता है, जिसमें वह अमेरिकी सुरक्षा और कानून व्यवस्था को फिर से मजबूत करने की योजना बना रहे हैं।
क्या होगा FBI का भविष्य?
पटेल, जो रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अच्छी खासी पहचान बना चुके हैं, अब FBI की जिम्मेदारी संभालने की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि पटेल FBI को फिर से सही दिशा में लाकर भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबावों से मुक्त कर सकते हैं, वहीं आलोचकों का मानना है कि उनका FBI पर काबिज होना अमेरिकी कानून व्यवस्था में और ज्यादा राजनीति ला सकता है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सीनट उनके नामांकन को मंजूरी देता है और अगर पटेल FBI के प्रमुख बनते हैं, तो अमेरिकी कानून व्यवस्था में कितना बदलाव आता है।
Kash Patel’s age 44 years old, an experienced lawyer and national security expert. During the Trump administration, he served as a senior staff member at the Department of Defense, Deputy Director of National Intelligence, and Senior Director for Counterterrorism Strategy
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