UI Movie Review
कन्नड़ सुपरस्टार उपेंद्र की बहुप्रतीक्षित फिल्म यूआई (UI) आखिरकार 20 दिसंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। करीब दो साल के प्रोडक्शन के बाद आई यह फिल्म न सिर्फ Upendra के निर्देशन में 9 साल के लंबे इंतजार को खत्म करती है, बल्कि उनके फैंस के लिए एक अनोखी सिनेमाई पेशकश भी साबित होती है। उनकी पिछली निर्देशन फिल्म UPPI 2 (2015) एक सुपरहिट साबित हुई थी, और अब सवाल यह उठता है कि क्या वीएफएक्स से भरपूर यूआई उस जादू को दोहरा पाएगी?
UI Movie Review: कहानी
फिल्म की कहानी बिल्कुल उपेंद्र के निर्देशन की शैली के अनुरूप है—अप्रत्याशित और गहरी। दर्शकों को एक काल्पनिक डिस्टोपियन दुनिया में ले जाया जाता है, जो जाति, धर्म और राष्ट्रीयता से परे है। यह दुनिया सामाजिक मुद्दों का चित्रण करती है। कहानी इतनी जटिल और प्रतीकात्मक है कि इसे बिना स्पॉइलर के समझाना मुश्किल है। फिल्म में उपेंद्र ने कई सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब दर्शक खुद ढूंढते हैं।
UI: निर्देशन और स्क्रीनप्ले
उपेंद्र की खासियत उनके विचारोत्तेजक नैरेटिव और परतदार कहानी में है। यूआई सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर व्यंग्य और गहराई से टिप्पणी करती है। हालांकि कुछ दर्शकों को पुरानी शैली का स्क्रीनप्ले और अभिनय थोड़ा साधारण लग सकता है, लेकिन फिल्म की प्रासंगिकता और प्रतीकात्मकता दर्शकों को जोड़े रखती है। यह फिल्म “डायरेक्टर उपेंद्र” की विशिष्ट शैली को पूरी तरह प्रस्तुत करती है।
UI Movie: तकनीकी पक्ष
फिल्म का तकनीकी पक्ष इसके प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है। शानदार सेट डिजाइन, बिना किसी रुकावट के वीएफएक्स और प्रभावशाली बैकग्राउंड म्यूजिक ने फिल्म को एक अनोखा सिनेमाई अनुभव बना दिया है। काल्पनिक दुनिया की विविधता को दिखाने वाले सेट और उन्हें सजाने वाले वीएफएक्स दर्शनीय हैं। हालांकि गानों में से कुछ खास प्रभाव नहीं डालते, लेकिन उनके बोल कहानी को बेहतर बनाते हैं। खासतौर पर “चीप सॉन्ग” को रिलीज से पहले काफी सराहा गया।
UI Movie: अभिनय
फिल्म मुख्यतः Upendra के कंधों पर टिकी हुई है। उन्होंने अपने अभिनय से पूरी फिल्म को संभाला है। रेशमा ननैया ने कम स्क्रीन टाइम के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है। रविशंकर, साधु कोकिला और अच्युत कुमार जैसे सहायक कलाकारों ने अपने-अपने किरदार को ईमानदारी से निभाया।
प्रतीकात्मकता और संदेश
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसकी प्रतीकात्मकता है। यह मानवता और समाज के विभिन्न पहलुओं को गहराई से दिखाती है। यूआई, उपेंद्र की पिछली फिल्मों ए, उपेंद्र और uppi 2 के मुकाबले कम जटिल है, लेकिन यही इसकी सादगी इसे खास बनाती है।
निष्कर्ष
यूआई एक भव्य सिनेमाई अनुभव है, जो बड़े पर्दे पर देखने लायक है। हालांकि फिल्म के संदेश को पूरी तरह समझने के लिए इसे कई बार देखने की आवश्यकता हो सकती है। लहरी फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्माण जी मनोहर और केपी श्रीकांत ने किया है। इसके सह-निर्माता नवीन मनोहर हैं, जिन्होंने फिल्म के शानदार वीएफएक्स का भी नेतृत्व किया है। बी अजयनीश लोकनाथ का संगीत फिल्म की अपील को और बढ़ाता है।
रेटिंग: 4/5
देखें या ना देखें: अगर आप उपेंद्र की अनोखी निर्देशन शैली और गहरी कहानियों के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है।