JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) ने सोमवार को आरोप लगाया
JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) ने सोमवार को आरोप लगाया कि PM Modi की सुरक्षा का हवाला देते हुए CM Hement Soren के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने से रोका गया। इस मामले को लेकर पार्टी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से गुहार लगाते हुए एक त्राहिमाम संदेश प्रेषित किया है। झामुमो का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को समान अवसर उपलब्ध कराना जरूरी है, और इसी विषय पर पार्टी ने पहले भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं।
JMM के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने राष्ट्रपति से अपेक्षा की है कि वे सुनिश्चित करें कि संघर्षरत जनजातीय जनप्रतिनिधियों को हर प्रकार की संवैधानिक सुरक्षा एवं सम्मान मिले। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों के सभी स्टार प्रचारकों को मिलने वाले विशेष अवसर और नियमों को समान बनाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रपति को सूचित किया कि झामुमो के स्टार प्रचारक और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोमवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदडी प्रखंड में एक सभा होनी थी, जो दोपहर 1:15 बजे निर्धारित थी। इसके बाद उनकी दूसरी सभा सिमडेगा जिले के बाजारटांड़ मैदान में होनी थी। इसके लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति भी ली गई थी।
दूसरी ओर, BJP (भाजपा) के स्टार प्रचारक PM नरेंद्र मोदी की चाईबासा कालेज मैदान में 2:40 बजे सभा प्रस्तावित थी। चाईबासा से गुदडी की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है और गुदड़ी से सिमडेगा की दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। इस प्रकार, हेमंत सोरेन के हेलीकॉप्टर को प्रधानमंत्री की सुरक्षा का हवाला देते हुए लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर डेढ़ घंटे से भी ज्यादा समय तक उड़ान भरने से रोका गया।
निर्वाचन आयोग ने इस मामले में जो जानकारी दी, उसके अनुसार, PM की सुरक्षा के दृष्टिकोण से 50 किलोमीटर के व्यास में 15 मिनट का उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू किया जाएगा। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों को लिखित और मौखिक रूप से यह आश्वस्त किया था कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, प्रचारकों और अधिकृत प्रत्याशियों को एक समान अवसर देकर निष्पक्ष एवं भयमुक्त चुनाव प्रचार के साथ-साथ मतदान सुनिश्चित किया जाएगा।
झामुमो का यह आरोप उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। यह राजनीतिक पैंतरेबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का एक हिस्सा है, जो चुनावी माहौल को गरमाता है। झामुमो ने पहले भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उसे समान अवसरों की गारंटी देनी चाहिए, ताकि सभी दल अपने-अपने प्रचार के लिए स्वतंत्र रहें।
मलिकार्जुन kharge Hement Soren Press Conference
इस बीच, आज मल्लिकार्जुन खरगे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक संयुक्त प्रेस वार्ता करेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में महागठबंधन के सहयोगी दलों की यह प्रेस वार्ता मंगलवार की शाम 5:30 बजे स्टेशन रोड स्थित बीएनआर चाणक्य होटल में आयोजित होगी। इस प्रेस वार्ता में खरगे के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राजद नेता जयप्रकाश यादव और वामपंथी नेता शुभेंदु सेन मीडिया से बात करेंगे। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन सतीश पाल मुंजनी ने इस प्रेस वार्ता की जानकारी दी है।
प्रेस वार्ता के अलावा, मल्लिकार्जुन खरगे मंगलवार को दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं। मुंजनी ने बताया कि खरगे की पहली सभा किसान मजदूर हाई स्कूल, डाढ़ी (रामगढ़) के मैदान में होगी, जहां वे मांडू विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे। इसके बाद उनकी दूसरी सभा कांके के बुकरू क्षेत्र में होगी, जहां वे कांके विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में लोगों को संबोधित करेंगे।
इस प्रकार, यह मामला न केवल झामुमो और भाजपा के बीच के राजनीतिक द्वंद्व को उजागर करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा और स्वतंत्रता का संतुलन बनाना कितना महत्वपूर्ण है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे चुनावी नियमों का पालन करते हुए एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करें। इसके साथ ही, चुनाव आयोग को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी दलों को समान अवसर मिले ताकि लोकतंत्र की मजबूती बनी रहे।
झामुमो का यह आरोप, चुनाव के समय में उठाया गया, यह दर्शाता है कि किस तरह से राजनीतिक दल अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के आरोप चुनावी माहौल को और भी गरमाते हैं, और इससे वोटरों के बीच संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि सभी दल समान रूप से अवसरित हैं।
इस प्रकार, चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखना हर राजनीतिक दल की जिम्मेदारी है। झामुमो और भाजपा के बीच के इस विवाद को देखकर यह साफ है कि चुनावी राजनीति में किसी भी मुद्दे को कैसे भुनाया जा सकता है, और यह लोकतंत्र के लिए कितना महत्वपूर्ण है कि सभी दलों को समान रूप से अवसर मिले।