India ने Bangladesh में धार्मिक स्थलों पर हमलों को लेकर चिंता जताई: सकारात्मक रिश्तों की अपील
ढाका: भारतीय विदेश सचिव Vikram Misri ने बांगलादेश में हाल ही में हुए धार्मिक संस्थाओं और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को लेकर बांगलादेश सरकार से अपनी चिंता व्यक्त की। बांगलादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात के दौरान, मिस्री ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह घटनाएँ “निंदनीय” हैं।
मिस्री ने बांगलादेश के अंतरिम सरकार से यह भी कहा कि India Bangladesh के साथ एक “सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी” संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। मीडिया से बात करते हुए मिस्री ने कहा, “भारत चाहता है कि बांगलादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर हमारे रिश्तों को मजबूत किया जाए।”
India ने बांगलादेश में Religious Minorities की सुरक्षा पर चिंता
दोनों देशों के बीच बातचीत का मुख्य मुद्दा Bangladesh में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई था। मिस्री ने खासकर धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर हमलों, हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ और धार्मिक स्थलों के अपमान की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमले गंभीर चिंता का विषय हैं और इस पर बांगलादेश सरकार को ध्यान देना चाहिए।
Vikram Misri ने कहा कि यह बातचीत “स्पष्ट, ईमानदार और रचनात्मक” थी, और इसने दोनों देशों को अपने रिश्तों का मूल्यांकन करने का अवसर दिया। यह मुलाकात बांगलादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के अगस्त में सत्ता से बाहर होने के बाद भारत और बांगलादेश के बीच पहली उच्चस्तरीय बातचीत थी।

राजनीतिक संकट के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव
विक्रम मिस्री का ढाका दौरा एक अहम समय पर हुआ, जब भारत और बांगलादेश के रिश्ते राजनीतिक संकट के कारण तनावपूर्ण हो गए थे। अगस्त में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने और नॉबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा।
राजनीतिक उथल-पुथल के बाद, बांगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यक के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ द्वारा हिंसा, हिंदू संपत्तियों की तबाही और धार्मिक नेताओं का उत्पीड़न हो रहा है। एक मामले में, दो हिंदू पुजारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएँ पैदा हो गईं।
बांगलादेश की अंतरिम सरकार का कहना है कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का संबंध शेख हसीना की सरकार के खिलाफ राजनीतिक असंतोष से है, और इसका धार्मिक तात्पर्य नहीं है।
स्थिरता और सहयोग के लिए कूटनीतिक प्रयास
हालांकि, दोनों देशों के बीच हालिया चुनौतियाँ रही हैं, भारत ने बांगलादेश के साथ एक स्थिर और सहयोगात्मक संबंध बनाए रखने की अपनी इच्छा जताई है। मिस्री का दौरा भारत के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि अंतरिम सरकार के साथ फिर से संवाद स्थापित किया जा सके और आपसी हितों, जैसे क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जा सके।
बांगलादेश में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता ने भारत में चिंताएँ पैदा की हैं, खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर। दोनों देश अपनी समस्याओं को सुलझाने और सभी समुदायों के लिए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष: बेहतर कूटनीतिक संबंधों की ओर बढ़ते कदम
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री का ढाका दौरा यह साबित करता है कि पड़ोसी देशों के बीच खुली और ईमानदार बातचीत कितनी महत्वपूर्ण होती है, खासकर जब राजनीतिक और सामाजिक अशांति हो। बांगलादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और बढ़ती हिंसा पर चिंता बनी हुई है, लेकिन यह चर्चा भारत-बांगलादेश रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम साबित हो सकती है। दोनों देश इन चुनौतियों को पार कर एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थिर भविष्य के लिए एक साथ काम करने की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद रखते हैं।
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