रूस ने उत्तरी सीरिया से कुछ सैनिकों को वापस बुलाया, लेकिन तरतौस और लताकिया में अपने महत्वपूर्ण अड्डे बनाए रखे
Russia ने उत्तरी सीरिया और अलावाइट पहाड़ियों से अपनी सैन्य उपस्थिति को कम किया है, लेकिन सीरिया में अपने अहम सैन्य अड्डों से वह नहीं हट रहा है, जैसा कि कई सीरियाई अधिकारियों ने बताया। राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के पतन के बावजूद, सीरिया में रूस के दो अहम सैन्य अड्डे—लताकिया स्थित हमीमिम एयरबेस और तरतौस नौसैनिक अड्डा—रूस के लिए क्षेत्रीय सैन्य संचालन में बेहद महत्वपूर्ण हैं।
Russia के Syria में सैन्य अड्डों का महत्व
रूस की सीरिया में दखलअंदाजी असद शासन के अस्तित्व के लिए अहम रही है। 2015 से रूस के सैन्य समर्थन ने असद को विरोधी ताकतों के खिलाफ खड़ा रखा, और रूस ने इस दौरान सीरिया में अपनी ताकत भी बढ़ाई। हालांकि, असद के शासन के गिरने के बाद, रूस के इन सैन्य अड्डों का भविष्य एक सवाल बन गया है।
तरतौस नौसैनिक अड्डा, जो 1971 से रूस के नियंत्रण में है, रूस के लिए खास महत्व रखता है। यह भूमध्य सागर में रूस का अकेला नौसैनिक मरम्मत और आपूर्ति केंद्र है। वहीं, लताकिया स्थित हमीमिम एयरबेस भी रूस के अफ्रीका में सैन्य ऑपरेशनों के लिए अहम है। इन दोनों अड्डों पर रूस ने भारी निवेश किया है और 2017 में तरतौस के लिए रूस को 49 साल की लीज़ मिली थी, जो उसकी रणनीतिक अहमियत को और बढ़ाती है।
सैनिकों की वापसी और उपकरणों का स्थानांतरण
हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से यह पता चला कि हमीमिम एयरबेस पर बड़ी मात्रा में सैन्य उपकरणों को शिफ्ट किया जा रहा है। 9 दिसंबर को कम से कम दो बड़े एंटोनोव AN-124 कार्गो विमान यहां देखे गए, जो लिबिया के लिए सैन्य सामान ले जाने की तैयारी कर रहे थे। एक सीरियाई सुरक्षा अधिकारी ने पुष्टि की कि भारी उपकरण और असद शासन के वरिष्ठ अधिकारी मॉस्को वापस भेजे जा रहे हैं।
इसके बावजूद, Russia के अधिकारियों ने यह साफ किया है कि वह अपने प्रमुख सैन्य अड्डों को छोड़ने की कोई योजना नहीं बना रहे हैं। रूस अपनी सेना को फिर से तैनात कर रहा है और स्थिति का करीबी से निरीक्षण कर रहा है। एक सीरियाई सैन्य अधिकारी के मुताबिक, यह कदम एक रणनीतिक बदलाव का हिस्सा है, जो आगे बढ़ते हुए जमीन पर स्थितियों के हिसाब से तैनाती को बदलने का संकेत देता है।
रूस की उपस्थिति पर सीरियाई विद्रोहियों के साथ बातचीत
Syria में राजनीतिक स्थिति बदल रही है, और रूस की सैन्य उपस्थिति के भविष्य पर अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, क्रेमलिन ने कहा है कि वह सीरिया के नए शासकों के साथ बातचीत कर रहा है, लेकिन रूस के अड्डों का मुद्दा अभी तक औपचारिक रूप से नहीं उठाया गया है। सीरियाई विपक्षी नेताओं के मुताबिक, यह सवाल भविष्य की बातचीत का हिस्सा होगा, और आखिरकार इसका फैसला सीरिया के लोगों द्वारा किया जाएगा। इस बीच, रूस ने नए सीरियाई नेतृत्व के साथ संपर्क स्थापित कर लिया है, जिससे संकेत मिलता है कि बातचीत जारी है।
रूस की भूमध्य सागर में नौसैनिक उपस्थिति
Syria से सैनिकों की वापसी के बावजूद, रूस की नौसैनिक उपस्थिति भूमध्य सागर में मजबूत बनी हुई है। 9 दिसंबर को सैटेलाइट तस्वीरों में यह देखा गया कि रूस के तीन युद्धपोत—दो गाइडेड मिसाइल Frigates (फ्रिगेट) और एक ऑयलर—तरतौस के करीब लगभग 13 किमी (8 मील) की दूरी पर खड़े हैं। यह रूस की क्षेत्र में अपनी नौसैनिक ताकत बनाए रखने की रणनीति को दर्शाता है। frigates and anoiler
विदेशी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ स्थानीय विरोध
Syria के स्थानीय लोग विदेशी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ गहरी नाराजगी महसूस कर रहे हैं, चाहे वह रूस, ईरान या किसी और सरकार की सेना हो। लताकिया के एक निवासी अली हालूम ने कहा कि सीरियाई लोग अब खुद को बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के शासित करना चाहते हैं। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि विदेशी सैन्य उपस्थिति को सीरियाई लोग एक प्रकार के कब्जे के रूप में देखते हैं।
निष्कर्ष: रूस की सीरिया में सैन्य अड्डों पर लंबी अवधि की प्रतिबद्धता
सीरिया में राजनीतिक बदलाव और जारी संघर्ष के बावजूद, रूस की सैन्य उपस्थिति, खासकर तरतौस और हमीमिम अड्डों पर, उसकी क्षेत्रीय रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है। हालांकि कुछ सैनिकों की वापसी और उपकरणों का स्थानांतरण हो रहा है, लेकिन सीरिया के इन प्रमुख सैन्य अड्डों को छोड़ने की कोई योजना नहीं है।
आने वाले महीनों में रूस की सैन्य उपस्थिति के बारे में स्थिति में बदलाव देखने को मिल सकता है, और यह देखना होगा कि सीरिया के नए शासक और विपक्ष के साथ रूस की बातचीत में क्या नतीजे सामने आते हैं। फिलहाल, रूस का नौसैनिक और हवाई दबदबा सीरिया में उसकी भू-राजनीतिक रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है, और रूस अपने भूमध्य सागर स्थित अड्डों से हाथ नहीं खींचने का इरादा रखता है।